इंदौर, मध्य प्रदेश: शारदीय नवरात्रि का पावन पर्व चल रहा है और इस दौरान देवी दुर्गा की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि इन तिथियों पर कुछ खास जगहों पर दीपक जलाने से मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
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अष्टमी और नवमी का महत्व
शारदीय नवरात्रि की अष्टमी और नवमी को कन्या पूजन भी किया जाता है, जिसके बाद ही व्रत का पारण होता है। इन दो दिनों में पूजा और दान-पुण्य का फल कई गुना ज्यादा मिलता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इन दिनों में कुछ विशेष स्थानों पर दीपक जलाने से घर में सुख-समृद्धि और शांति आती है।
इन जगहों पर जलाएं दीपक
- घर के मुख्य द्वार पर: अष्टमी और नवमी की शाम को घर के मुख्य द्वार पर घी का दीपक जलाना बेहद शुभ माना जाता है। इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और घर में देवी लक्ष्मी का आगमन होता है।
- देवी मां के सामने: पूजा करते समय देवी दुर्गा की प्रतिमा के सामने एक अखंड दीपक जलाना चाहिए। अगर यह संभव न हो तो कम से कम अष्टमी और नवमी की शाम को घी का दीपक जरूर जलाएं।
- पीपल के पेड़ के नीचे: मान्यता है कि पीपल के पेड़ में देवताओं का वास होता है। इसलिए अष्टमी और नवमी को पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाने से देवी-देवताओं की कृपा मिलती है और सभी कष्ट दूर होते हैं।
- बेलपत्र के पेड़ के नीचे: बेलपत्र का पेड़ भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है, लेकिन नवरात्रि में बेलपत्र के पेड़ के नीचे दीपक जलाने से मां पार्वती और मां दुर्गा दोनों की कृपा प्राप्त होती है।
- हनुमान जी के मंदिर में: नवरात्रि में हनुमान जी की पूजा का भी विशेष महत्व है। अष्टमी और नवमी को हनुमान मंदिर में दीपक जलाने से सभी प्रकार के भय और संकट दूर होते हैं।
इन सरल उपायों को अपनाकर आप भी देवी मां की कृपा प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन को सुख-समृद्धि से भर सकते हैं।
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