रायपुर : पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी को लेकर कांग्रेस की एक बड़ी बैठक कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में हुई. इसी बैठक में सरकार, उद्योगपति और केंद्रीय एजेंसियों के खिलाफ कांग्रेस ने 22 जुलाई को पूरे प्रदेश में आर्थिक नाकेबंदी करते हुए चक्काजाम करने का फैसला लिया गया.
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रेसवार्ता में कांग्रेस पार्टी के फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि पेड़ कटाई को लेकर नेता प्रतिपक्ष के द्वारा विधानसभा में स्थगन प्रस्ताव लाया गया था. इससे ध्यान भटकाने के लिए सुबह छह बजे रेड पड़ी. पिछली बार भी रेड मारी गई थी, लेकिन इस बार मैं विधानसभा पहुंचने में सफल रहा.
भूपेश बघेल ने बताया कि विधानसभा में मुझे सूचना आई की मेरे बेटे को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है. दस मार्च के बाद कल सीधे गिरफ्तारी कर ली गई. इस बीच कोई नोटिस नहीं दिया गया. ईडी की इस अवैधानिक कार्रवाई का सभी कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने विरोध किया है.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बीजेपी के सोची-समझी रणनीति है. चाहे देवेंद्र यादव हों, सतनामी समाज के नेता हों, उन्हें एक केस में फंसाया. आदिवासी की आवाज खत्म हो इसलिए कवासी लखमा को जेल में डाला. मेरा बेटा जो राजनीति में भी नहीं उसे भी टारगेट किया है.
उन्होंने कहा कि पेड़ कटाई का विरोध कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व ने किया. कांग्रेस के नेताओं पर चुन-चुन कर कार्रवाई कर रहे हैं. दूसरी तरफ अदानी को छत्तीसगढ़ सौंप देना चाहते हैं. कल विधानसभा में नारा लगा ‘एक पेड़ माँ के नाम, बाक़ी सब बाप के नाम’. ये किसी एक नहीं पूरे प्रदेश की लड़ाई है.
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